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Sunday, April 18, 2010

~!~ यादें ~!~

Disclaimer: Below thoughts are purely mine and have not been taken from a site or any other source.

A Poem written by me:: An ATTEMPT :)

~!~ यादें ~!~



यादें  अक्सर  आती  हैं ,
बातें  कह  कर  चली  जाती  हैं |

 यादें  एक  दिन  कहती  हैं ;
 तुम  भी  कभी  बच्चे   थे ,
बातों  के  बड़े  सच्चे   थे |
   अक्कल  के  बड़े  कच्चे  थे ,
   पर  दिल  के  बड़े  अच्छे  थे |

यादें  अक्सर आती  हैं ,  
बातें  कह  कर  चली  जाती  हैं | 

     यादें  एक  दिन  कहती  हैं ;
      तुम  भी  कभी  नादान  थे ,
       इस  दुनिया  से  अनजान  थे |
         तुम्हें  न  कुछ  लेना -देना  था ,
         बस  अपने  ही  बचपन  मैं  जीना  था  |

यादें  अक्सर  आती  हैं ,
बातें  कह  कर  चली  जाती  हैं  |  

    यादें  एक  दिन  कहती  हैं ;
      तुम्हारे  भी  कुछ  सपने  थे .
     उड़ना  तुम  भी  चाहते  थे ,
     पर  पंख  नहीं  मिल  पाते  थे |
      अगर  पंख  मिल  जाते ,
      तो  तुम  भी  चिड़िया  बन  पाते |

यादें  अक्सर  आती  हैं ,
बातें  कह  कर  चली  जाती  हैं  |

    यादें  एक  दिन  कहती  हैं ; 
 शुन्य  से  तुम  डरते  थे ,
     लेकिन  लड्डू  बड़े  अच्छे   लगते  थे |
    गोल  गोल  तुम  घूमते  थे ,
     जब  दोस्तों  के  साथ  खेलते  थे  |

यादें  अक्सर  आती  हैं ,
बातें  कह  कर  चली  जाती  हैं  |         

     यादें  एक  दिन  कहती  हैं ;  
      खेल  को  ही  जीवन  समझते  थे ,
      दोस्तों  के  साथ  तुम  जब  खेलते  थे |
   समय  को  ही  भूल  जाते ,
         जब  अपने  आप  को  खेल  की  दुनिया  मैं  पाते |


     यादें  एक  दिन  कहती  हैं ;  
    ABCD मैं तुम अच्छे थे ,
    लेकिन अ, आ, ई से डरते थे |
        Grammar के तुम चेम्पियन थे ,
      पर व्याकरण से दूर भगते थे |


यादें अक्सर आती हैं,
बातें कह कर चली जाती हैं |

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