Disclaimer: Below thoughts are purely mine and have not been taken from a site or any other source.
आज फिर ये दिन ऐसा लगता हें,
की चुपके से कुछ कहता हें |
ये दिन चुपके से कहता हें,
मैं आया हूँ सालों बाद,
फिर कभी नहीं आऊंगा,
कभी तुम्हें मैं हसाऊंगा,
तो कभी मैं रुलाऊंगा |
जिसने मेरी बात न मानी,
वो खाली हाथ रह जायेगा,
मुट्ठी मैं वही सब कुछ पायेगा,
जो मुझे समझ पायेगा |
जिस तरह बूँद बूँद,
से सागर बनता हें,
उसी तरह एक एक दिन से
तुम्हारा जीवन बनता हें |
एक दिन मैं कुछ मिलता हें,
एक दिन मैं कुछ खोता हें,
ये दिन बहुत बड़ा हें यारों,
कभी कुछ लेता हें तो कभी कुछ देता हें |
आज फिर ये दिन ऐसा लगता हें,
की चुपके से कुछ कहता हें |
2 comments:
nice!
Thanks anonymous... :)
Post a Comment